भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on Corruption in Hindi

Essay on Corruption in Hindi

भ्रष्टाचार, देश की एक बड़ी और गंभीर समस्या बन चुकी है, आज देश का कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार व्याप्त नहीं हो, देश के कोने-कोने में भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जो कि देश के आर्थिक, सामाजिक विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है।

आज के दौर में हर कोई अपना मलतब साधने के लिए और फायदा उठाने के लिए गलत तरीके से अपने पद और पॉवर का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे लगातार भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।

हालांकि, भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने नोटबंदी की, कालाबाजारी के खिलाफ कई सख्त नियम-कानून बनाए इसके साथ ही भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारियों के लिए नए सिस्टम भी लागू किए, बाबजूद इसके भ्रष्टाचार की समस्या मुंह बाएं खड़ी हुई हैं, क्योंकि मनुष्य का लालचपन और स्वार्थ की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है, जो कि असामनता को जन्म दे रही है और यह असामानता समाजिक, आर्थिक और प्रतिष्ठा के मदभेद को बढ़ावा दे रही है।

सोने की चिड़िया कहे जाने वाला देश भारत में तो भ्रष्टाचार इस कदर फैल गया है कि यहां छोटे से छोटे कर्मचारियों से लेकर देश के शीर्ष पदों पर काबिज व्यक्ति भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वहीं भ्रष्टाचार के प्रति लोगों को जागरूक करने और छात्रों के लेखन कौशल में सुधार करने के मकसद से अक्सर स्कूलों में विद्यार्थियों निबंध लिखने – Essay on Corruption के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम अपने इस लेख में आपको भ्रष्टाचार पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं जो कि निम्नलिखित है –

भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on Corruption in Hindi

Essay on Corruption
Essay on Corruption

भ्रष्टाचार पर निबंध नंबर 1(1500 शब्द) – Essay on Corruption 1 (1500 Word)

भ्रष्टाचार यानि कि बिगड़ा हुआ आचरण, अर्थात ऐसा आचरण जो अनुचित और अनैतिक है। जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए और खुद को लाभ पहुंचाने के मकसद से न्याय व्यवस्था के खिलाफ जाता है या फिर किसी को हानि पहुंचाने के मकसद से अनैतिक काम करता है तो वह भ्रष्टाचारी कहलाता है।

भ्रष्टाचार ने भारत में पूरी तरह से अपनी जड़े जमा ली हैं, और अब देश से इसका खात्मा करना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। भ्रष्टाचार की वजह से ही आर्थिक और तकनीकी विकास होने के बाबजूद आज भी हमारा देश विकसित देशों से काफी पीछे है।

देश के कोने-कोने पर भ्रष्टाचार इतना फैल गया है कि आज छोटे से छोटे अधिकारी से लेकर देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे नेता लोग भी भ्रष्टाचार में लिप्त है। वहीं अब टीवी और न्यूजपेपर में करोड़ो, अरबों के घोटाले की खबरे छपना आम बात हो गईं है, हर दिन देश में नया घोटाला सामने आता है।

अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए लोग जमकर घोटाला कर रहे हैं, जिससे देश के सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बाधा पैदा हो रही है और हमारा देश भारत अंदर से खोखला होता जा रहा है।

भारत में हुए सबसे बड़े और चर्चित घोटाले – Scandals in India

भारतीय कोयला आवंटन घोटाला – साल 2004 से 2009 के बीच कोयला ब्लॉक का गलत तरीके से आवंटन किया गया।सीएजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सरकारी खजाने को करीब 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का भारी नुकसान पहुंचा।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाला –

यह देश का सबसे बड़ा आर्थिक घपला माना जाता था। साल 2008 में कैग ने अपनी एक रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल उठाए थे, दरअसल 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस बांटे गए थे।

जिसमें कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को करीब 1 लाख 76000 करोड़ रुपए का भारी नुकसान झेलना पड़ा था। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा समेत दिग्गज लोग शामिल थे।

वक्फ बोर्ड भूमि घोटाला-

गैर कानूनी तरीके से कई हजार एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 सालों में वक्फ बोर्ड ने लगभग 22 हजार संपत्तियों पर कब्जा कर उन्हें निजी संस्था और लोगों को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

कॉमनवेल्थ घोटाला –

साल 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम में बड़ा घोटाला किया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉमनवेल्थ खेलों में करीब 70 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई, जबकि हकीकत में इसकी आधी राशि ही कॉमनवेल्थ गेम और खिलाड़ियों पर खर्च की गई।

तेलगी घोटाला –

इस घोटले का मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी को ठहराया गया था, साल 2002 में यह घोटाला सामने आया। दऱअसल, तेलगी के पास स्टाम्प पेपर बेचने का लाइसेंस था, लेकिन उसने इसका अवैध और गलत तरीके से इस्तेमाल किया और नकली स्टाम्प पेपर छापे और बैंकों और संस्थाओं को बेचना शुरु कर दिया था, इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।

सत्यम घोटाला –

साल 2009 में हुए इस घोटले में करीब 14000 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।

बोफोर्स घोटाला –

1980 और 90 के दशके में इस घोटले का खुलासा किया गया था। साल 1986 में राजीव गांधी सरकार ने 400 तोपें खरीदने का सौदा किया था। इस घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी आरोप लगे थे। इसके में करीब 100 से 200 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।

चारा घोटाला –

1996 में इस घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालु प्रसाद यादव शामिल थे, इसमें करीब 900 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।

इसके अलावा भी अन्य कई घोटाले किए गए हैं, जिससे देश को आर्थिक रुप से काफी नुकसान हुआ है। इन घोटालों और भ्रष्टाचार की वजह से ही आज हमारे देश में गरीबी, भुखमरी जैसी समस्याएं जन्म ले रही हैं।

भ्रष्टाचार के प्रभाव – Effects of corruption

आज के दौर में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो कि भ्रष्टाचार से अछूता हो, हर क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय चरित्र का तो हनन हो ही रहा है, इसके साथ ही देश आर्थिक रुप से भी विकास नहीं हो रहा है।

लगातार बढ़ रही भ्रष्टाचार की समस्या का खामियाजा गरीब और ईमानदारी जनता भुगत रही है और तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो रही है। भ्रष्टाचार कई तरह से देश और लोगों को प्रभावित कर रहा है। वहीं हम आपको नीचे भ्रष्टाटार से पड़ने वाले कुछ प्रभाव के बारे में बता रहे हैं –

  • देश का राष्ट्रीय, सामाजिक और आर्थिक रुप से विकास में बाधा रहो रही है।
  • देश की आम जनता को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
  • बेरोजगारी की समस्या विकाराल रुप धारण कर रही है।
  • गरीबी, भुखमरी बढ़ रही है।
  • नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
  • असमानता का जन्म हो रहा है।
  • वास्तविक प्रतिभा का हनन हो रहा है।
  • आत्महत्याओं के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
  • बाजार में मिलावटी सामान मिल रहा है।
  • रिश्वतखोरों की संख्या बढ़ रहा है।
  • आस्था, धर्म और विश्वास के नाम पर लोगों का शोषण हो रहा है।
  • राष्ट्रीय चरित्र का हनन हो रहा है।
  • जरूरतमंदों और गरीबों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ।

भ्रष्टाचार के मुख्य कारण – Reasons for Corruption

आज के आधुनिक युग में हर कोई ऐश, आराम और सुखभरी जिंदगी जीना चाहता है, वहीं कई बार इन्हीं सुख-सुविधाओं को पाने के लिए इंसान के अंदर लालच की भावना विकसित होती है और वे कई ऐसे गलत काम करने लगते हैं जो कि भ्रष्टाचार जैसी गंभीर संमस्या को जन्म देती है, वहीं इसके पीछे कई ऐसे कारण छिपे हुए हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे कुछ प्वाइंट के माध्यम से बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

  • मनुष्य का भौतिक सुखों के प्रति आर्कषण।
  • मनुष्य की लालची और स्वार्थी प्रवृत्ति का बढ़ना।
  • मनुष्य की इच्छाओं का बढ़ना।
  • ऐश और आराम भरी जिंदगी जीने की आदत।
  • झूठा दिखावा और प्रतिष्ठा पाने की वजह से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
  • नैतिक मूल्यों का पतन।
  • पैसे को अधिक मूल्य देना।
  • धन के बल पर किसी उच्च पद और प्रतिष्ठा की चाहत।
  • बिना मेहनत किए अधिक धन कमाने की चाह।
  • झूठी सामाजिक प्रतिष्ठा पाने के लिए।
  • भ्रष्टाचार के प्रति कड़े नियम-कानून नहीं बनना।
  • गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ना।
  • जनसंख्या में वृद्धि से भी भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा।
  • राष्ट्रभक्ति का अभाव।
  • मानवीय संवदनाओं और भावनाओं में गिरावट।
  • समाज में लोगों के बीच आर्थिक असमानता की भावना से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
  • जल्दी आगे बढ़ने की होड़ में बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
  • ज्यादा फायदा कमाने की वजह से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।

इसके अलावा भी भ्रष्टाचार बढ़ने के कई और भी कारण है, जिससे इसकी जड़ी गहराती जा रही हैं। वहीं भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म करने के लिए जब तक सब लोग एक जुट होकर नहीं लड़ेगे और अपने लालची स्वभाव को नहीं सुधारेंगे, तब तक इस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है।

भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय – How to Stop Corruption

भ्रष्टाचार की समस्या जिस तरह से हमारे देश में पांव पसार रही है, उसको खत्म करने के लिए हम सभी को मिलकर एक साथ सहयोग करना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार की समस्या समाज में किसी एक व्यक्ति से शुरु होकर पूरे समाज में फैल जाती है।

वहीं इसके लिए समय-समय पर हमारी सरकारें उचित कदम भी उठाती हैं, जिसके बाद थोड़े दिन तक तो व्यवस्था ठीक चलती है, लेकिन फिर बाद में मनुष्य की लालची प्रवृत्ति और भौतिकवादी सुख पाने की लालसा से यह समस्या पनपने लगती है, इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए हम आपको नीचे कुछ उपायों को बता रहे हैं जो कि इस प्रकार है –

  • ईमानदार लोगों को प्रोत्साहित कर उन्हें पुरस्कृत करना।
  • नैतिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना विकसित कर।
  • त्याग, कठोर आत्मनियंत्रण और आत्मबल की जरूरत।
  • सत्य के साथ जीने की आदत।
  • कम में ही गुजारा करने की आदत।
  • आर्थिक असमानता को दूर करने की जरूरत।
  • कर्मचारियों को अच्छा वेतन दिया जाए।
  • रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं।
  • जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण कर।
  • हर विभाग और कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाए।
  • भ्रष्टाचार के प्रति कठोर से कठोर नियम बनाए जाए।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर।
  • कालाबाजारी और मिलावटी पर रोक लगाकर।
  • काले धन के प्रति सख्त नियम बनाकर।

निष्कर्ष – Conclusion

भ्रष्टाचार की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को काफी हानि पहुंच रही है। भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ हमारे देश की नैतिकता और प्रतिभा का हनन हो रहा है बल्कि मानवीय संवेदनाएं भी नष्ट होती जा रही है। जिस पर जल्द से जल्द लगाम लगाने की जरूरत है।

अगले पेज पर आपके लिए और Bhrashtachar Par Nibandh….

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