मोरारजी बापू का जीवन परिचय | Morari Bapu Biography

Morari Bapu – मोरारजी बापू रामचरितमानस के प्रसिद्ध प्रतिपादक है और उन्होंने पचास साल तक राम कथा का पाठ किया है। वो सब उनके बोलने की कला की ताकत है जो दुनिया के सभी धर्मो के लोगों को जोड़े रखती है। इसी विशेषता के कारण हर तरह के लोग दुनिया के हर कोने से उन्हें सुनने के लिए आते है।

Morari Bapu

मोरारजी बापू का जीवन परिचय – Morari Bapu Biography

मोरारजी बापू का पूरा नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियानी है। उन्हें प्यार से सभी बापू कह के बुलाते है। उनका जन्म 25 सितम्बर 1946 को अश्विन कृष्ण अमावस्या के दिन तलागाजर्दा गाव महुआ (गुजरात) में हुआ। उनके पिता का नाम प्रभुदास हरयानी और माँ का नाम सावित्री बेन हरियानी है। उनका जन्म वैष्णव बावा साधू निम्बरका संप्रदाय के परिवार में हुआ।

उनके परदादा ऋषिकेश के कैलाश आश्रम के मुख्य थे। उन्हें भगवद्गीता और वेदों का ज्ञान था। उनके दादाजी प्रभु श्री राम के बड़े भक्त थे। जब बापू स्कूल से घर पे वापस आते थे तो उनके दादाजी त्रिभुवनदास उनसे रामचरितमानस के पाच श्लोक रोज करवा लेते थे।

डिग्री की पढाई पूरी करने के बाद बापू ने जूनागढ़ के शाहपुर कॉलेज में शिक्षक की पढाई का अध्ययन किया। बाद में वो जे। पारेख स्कूल में सभी विषय पढ़ाते थे जिनमे इंग्लिश विषय भी शामिल था। उनके दस साल के पढ़ाने के दौर में उन्होंने अच्छे अच्छे वक्ता के भाषण सुने और बहुत सारे आध्यत्मिक गुरु से भेट भी की।

1960 में तलागाजर्दा गाव में पहली बार मोरारजी बापू ने लोगों को राम कथा सुनाई। तब बापू केवल 14 साल के थे। उसके बाद 1976 में बापू ने पहली बार परदेश में यानि नैरोबी में कथा सुनाई।

आज की तारीख में बापू ने 800 से भी ज्यादा कथा का पठन किया है। उनके सप्ताह पुरे भारत में और दुनिया के अलग अलग शहरों में हुए है जैसे की न्यूयॉर्क, लन्दन, दुबई, ब्राज़ील, तिबेट और भूटान जैसे देशो में भी उन्होंने कथा सुनाई है। नौ दिन तक चलनेवाले कथा में बापू सुबह के समय तीन घंटे तक कथा सुनाते है।

बापू सभी तरह के शांति सम्मलेन में भाग लेते है और बहुत सारे शांति सम्मलेन का आयोजन भी करते है। इस तरह से वो विविध धर्मो के संतो को एक साथ लाने का काम करते है। 2009 में बापू ने जब महुआ में विश्व धार्मिक सम्मलेन का आयोजन किया था तो उसका उद्घाटन दलाई लामा ने किया था।

2012 में वाल्मीकि रामायण पर राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित किया गया था। उसमे डॉ सत्यव्रता शास्त्री, डॉ राधावल्लभ त्रिपाठी, डॉ राजेंद्र नानावटी और बहुत सारे रामायण विद्वान लोग शामिल हुए थे।

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6 thoughts on “मोरारजी बापू का जीवन परिचय | Morari Bapu Biography”

  1. मोहम्मद अयूब बागवान

    बापू के प्रति मेरे मन मे भी सम्मान है उनकी वाणी में बहुत ही सौम्यता ओर सादगी है चेहरे पर हमेशा मुस्कान ओर माथे पर तेज है, सभी धर्मों के प्रति भी गजब का सम्मान है काश मेरे धर्म के कुछ कट्टरवादी भी इनसे कुछ सीख ले तो हिन्दू-मुस्लिम एकता के बाद कोई भी देश हमारे हिंदुस्तान की ओर नजर उठाने की हिम्मत नही कर सकता। एक बार पुनः मुरारी बापू ओर इनके जैसे अन्य महापुरुषों को सलाम जो वास्तव में राम कथा के साथ साथ अपने व्यवहार और आचरण से भाईचारे का संदेश देते है।
    *मोहम्मद अयूब बागवान*
    जय हिंद

  2. संदीप गुप्ता

    मै संदीप गुप्ता, मैने 2014 मे पहली बार बापू जी को रामकथा कहते हुए सुना | मोबाइल पर रामकथा की आडियो फाइल गलती से कम्पयुटर वाले भैया (जिनसे मै मेमोरी कार्ड मे गाने लोड करवाता था) ने डाल दिया, वो शायद मेरे ज़िन्दगी की सबसे खुबसुरत दिन था | जब मुझे बारी जी को सुनने का मौका मिला |उसके मै वो रामकथा कई बार लगभग 500 बार सुना और दुसरो को भी दिया |
    जब मेरा मन करता मै हमेशा सुनता हूँ |
    जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम

  3. मोरारी बापू जी की बहुत ही अच्छी जीवनी लिखी है|

    1. Editorial Team

      रवि भारद्वाज जी मोरारजी बापू की जानकारी पढने के लिए आपका धन्यवाद। इसी तरह की और महान लोगो की जीवनी पढने के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे।

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