Vivekananda Rock Memorial
स्वामी विवेकानंद एक ऐसे प्रतिभाशील महापुरुष थे जिनके बारे में कौन नहीं जानता, उनके महान विचारों, अध्यात्मिक ज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से हर कोई प्रभावित है। उन्होंने हर किसी पर अपनी एक अदभुद छाप छोंड़ी है।
विवेकानंद जी में ज्ञान की साधना बेहद गहरी थी। वे रामकृष्ण परमहंस के सच्चे भक्त थे। उन्होनें अपनी रचनाओं का प्रभाव पूरे देश में डाला, उनके महान कामों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है, वह हमारे दिल में हमेशा जिंदा रहे, इसलिए उनकी याद में विवेकानंद रॉक मेमोरियल की स्थापना की गई है।
जो कि तमिलनाडु के कन्यापुरी शहर में वावाथुरई में स्थित मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां का मुख्य आर्कषण का केन्द्र है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल परिसर के अन्दर विवेकानन्द की प्रतिमा बनी हुई हैं, जो कि यहां आने वाले पर्यटकों को ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती है। यह भव्य स्मृति स्थल कन्याकुमारी के समुद्र में जिस चट्टान पर स्थित है उससे भी विवेकानंद जी का गहरा नाता है जिसके बारे में हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे तो आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद पर समर्पित विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में –
विवेकानंद रॉक मेमोरियल, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Vivekananda Rock Memorial
विवेकानंद रॉक मेमोरियल की बनावट और निर्माण – Vivekananda Rock Memorial Architecture
स्वामी विवेकानन्द के अमर संदेशों को साकार रुप देने के उद्देश्य से साल 1970 में विवेकानन्द रॉक मेमोरियल का निर्माण किया गया था। इस भव्य स्मृति भवन का निर्माण नीले और लाल ग्रेनाइट के पत्थरों से किया गया है। समुद्र की लहरों से घिरी इस स्मारक भवन का मुख्य द्धार बेहद सुंदर और आर्कषक है। इसका वास्तुशिल्प अजंता-एलोरा की गुफाओं से लिया गया लगता है।
यह भव्य स्मृति भवन समुद्रतल से 17 मीटर की ऊंचाई पर एक पत्थर के टापू की चोटी पर स्थित है। इसके साथ ही लाल रंग के पत्थर से निर्मित स्मारक पर 70 फुट ऊंचा गुम्बद है, जो कि समुद्र के अंदर दूर से ही दिखाई देता है। वहीं सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यह बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। आपको बता दें कि यह स्थान 6 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह स्मारक 2 पत्थरों के शीर्ष पर स्थित है और मुख्य द्वीप से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है।
स्वामी विवेकानंद को समर्पित इस स्मृति भवन के अंदर 4 फुट से ऊंचे प्लेटफॉर्म पर भारत के महान दार्शनिक, विचारक और सच्चे देशभक्त स्वामी विवेकानंद जी की यह बेहद आर्कषक और प्रभावशाली मूर्ति है। यह मूर्ति कांसे की बनी है, जिसकी ऊंचाई साढ़े 8 फुट है। वहीं स्वामी विवेकानंद जी की इस मूर्ति में उनका यशस्वी और तेज व्यक्तित्व एकदम सजीव प्रतीत होता है।
आपको बता दें कि इस भव्य स्मारक की स्थापना में एकनाथ रामकृष्ण रानाडे की भूमिका काफी अहम है। आपको बता दें कि एकनाथ रानाडे (Eknath Ranade) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और प्रख्यात अध्यात्मिक सुधारक थे, जिन पर स्वामी विवेकानंद जी के उपदेशों ने गहरा प्रभाव छोड़ा था। इसके अलावा आपको बता दें कि रानाडे के प्रयास से स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल स्मारक का निर्माण 1970 में 6 साल की छोटी अवधि पूरा हुआ। इसे करीब 650 मजदूरों ने बनाया था।
स्वामी विवेकानंद का इस चट्टान से संबंध – Vivekananda Rock Memorial History
ऐसा माना जाता है कि युवाओं को नई राह दिखाने वाले स्वामी विवेकानन्द जी साल 1892 में खुद कन्याकुमारी आए और वे इस विशाल पत्थर तक तैर कर गये और उन्होंने गहरी ध्यान की मुद्रा में रात बिताई। साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति हेतु मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था।
इसके बाद उन्होंने अपने आप को देश की सेवा के प्रति समर्पित करने और वेन्दान्त संदेश को पूरी दुनिया में प्रसारित करने का निश्चय किया। और इसके कुछ समय बाद उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में हिस्सा लिया और भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया।
यह विशाल स्मृति स्मारक विवेकानन्द रॉक मेमोरियल विवेकानन्द के 24, 25 और 26 दिसम्बर 1982 के श्रीपद पराई आने और गहरे ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान का स्मारक है। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल परिसर के अन्दर विवेकानन्द की बेहतरीन प्रतिमा हैं जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं, वहीं जो इस प्रतिमा को देखता है इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता।
क्योंकि कांसे से बनी यह साढ़े 8 फुट ऊंची प्रतिमा विवेकानंद जी के व्यक्तित्व को बेहद सजीवता से प्रदर्शित करती प्रतीत होती है। इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि इस मेमोरियल में श्रीपद मण्डपम और विवेकानन्द मण्डपम नाम के दो मण्डप भी हैं।
श्रीपद मण्डपम श्रीपद पराई पर स्थित है वह भी एक पवित्र स्थल है, जिसके बारे में यह मान्यता है कि इस पवित्र स्थल को देवी कन्याकुमारी का आशीर्वाद प्राप्त है। विवेकानन्द मण्डपम के चार भाग हैं – सभा मण्डपम्, ध्यान मण्डपम्, सामने का प्रवेशद्वार और मुख मण्डपम्। ध्यान मण्डपम् वह ध्यान करने वाला हॉल है। यहां आने वाले पर्यटक ध्यान कर सकते हैं और विवेकानंद रॉक मेमोरियल में विजिट कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।
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