राजीव गांधी का जीवन परिचय…

राजीव गांधी, एक ऐसे शख्सियत थे, जिन्हें महज 40 साल की उम्र में देश के पीएम बनने का गौरव प्राप्त है। वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने सन् 1984 में अपनी मां इंदिरा गांधी की मौत के बाद भारी बहुमत के साथ पीएम का पद हासिल किया था।

राजीव गांधी  बेहद सरल, सौम्य, शांति एवं धैर्यवान राजनेता थे, जिन्होंने देश के विकास और प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दिया था और युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके हित में कई अहम फैसले लिए थे। साल 1991 में आम चुनाव के दौरान  तमिलनाडू के श्री पेरमबदूर में एक भयानक बम बिस्फोट में साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई।

साल 1991 में मृत्यु के बाद उन्हें ”भारत रत्न” सम्मान ने नवाजा  गया था। आइए जानते हैं भारत के दिग्गज राजनेता राजीव गांधी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –

राजीव गांधी जीवन परिचय – Rajiv Gandhi Biography in Hindi

Rajiv Gandhi

एक नजर में –

पूरा नाम (Name) राजीव गांधी
जन्म (Birthday Or Jayanti) 20 अगस्त 1944, बंम्बई (महाराष्ट्र)
पिता (Father Name) फिरोज गांधी
माता (Mother Name) इंदिरा गांधी
भाई (Brother Name) संजय गांधी
पत्नी (Wife Name) सोनिया गांधी(एंटोनिया माइनो)
बच्चे (Children Name) प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी
मृत्यु (Death) 21 मई 1991, श्रीपेरमबदूर (तमिलनाडु)

शुरुआती जीवन एवं परिवार –

20 अगस्त, 1944 में मुंबई में राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी और फिरोज  गांधी के बेटे के रुप में जन्म लिया था। इनकी माता  इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और इनके पिता फ़िरोज़ गाँधी इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रमुख और नेशनल हेराल्ड अख़बार के एडिटर थे।

शिक्षा –

देश को तरक्की के एक नए पायदान पर पहुंचाने वाले भारत के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के शिव निकेतन और वेल्लम बॉयज स्कूल से हुई थी। इसके बाद पढ़ाई में होनहार रहे राजीव गांधी जी का दाखिला देहरादून के ही कुलीन डॉन स्कूल में करवाया गया।

स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लंदन चले गए, जहां से जानी-मानी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की। इसके बाद साल 1966 में राजीव गांधी जी भारत वापस लौट आए, इसी दौरान उनकी मां इंदिरा गांधी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रुप में चुना गया था। वहीं इसके बाद राजीव गांधी ने  इंडियन एयरलाइन में पायलट बने।

शादी –

लंदन में पढ़ाई के दौरान ही राजीव गांधी जी इटली में रहने वाले एंटोनिया माइनो (सोनिया गांधी) से मिले  और फिर दोनों ने 1968 में  शादी करने का फैसला लिया। शादी के बाद उनकी पत्नी एंटोनिया माइनो ने अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी रख दिया था, वे भी आज राजनीति की नई ऊंचाईयों को छू रही हैं।

वहीं शादी के बाद इन दोनों के दो बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हुए, दोनों ही आज कांग्रेस पार्टी के अहम पदों पर कार्यरत हैं।

राजनैतिक करिअर –

सबसे युवा प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व कर चुके राजीव गांधी जी का झुकाव पहले राजनीति की तरफ बिल्कुल नहीं था, लेकिन कुछ परिस्थितयों के चलते उन्हें राजनीति में आना पड़ा।

दरअसल, राजीव गांधी जी के भाई संजय गांधी की 23 जून, 1980 एक विमान हादसे में मौत हुई थी, जिसके बाद राजीव गांधी जी को अपनी मां इंदिरा गांधी के साथ राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करना पड़ा। राजनीति में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपने स्वर्गीय भाई के निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और बंपर जीत हासिल की, इस तरह उन्होंने अपनी युवा विचारधारा से संसद में अपनी जगह बनाई।

इसके बाद उनके राजनैतिक कौशल को देखते हुए साल 1981 में उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने अपने राजनैतिक करियर के दैरान कांग्रेस के महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाली, इसके साथ ही उनके ही नेतृत्व में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था।

राजीव गांधी जी ने अपनी मां इंदिरा गांधी के प्रमुख राजनैतिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया। राजीव गांधी जी भले ही मजबूरन राजनीति के क्षेत्र में मजबूरी में आए हों लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र में असीम ऊंचाईयों को छूआ और बाद में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनकर देश का नेतृत्व किया।

प्रधानमंत्री के रुप में –

राजीव गांधी की मां एवं देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी  की 31 अक्टूबर, 1984 के दिन, उन्हीं के एक सिख बॉडीगार्ड द्धारा उनकी निर्मम तरीके से हत्या  कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में शोक की लहर तो दौड़ ही गई थी, इसके साथ ही जगह-जगह सिख दंगे भड़क गए थे।

वहीं ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी को दिशा दिखाने वाला कोई कद्दावर नेता नहीं बचा था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने राजीव गांधी जी की राजनैतिक कौशल, कर्तव्यनिष्ठा एवं दूरदर्शिता को देखकर उन पर प्रधानमंत्री जैसे अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी, उन्होंने कुछ दिन तक देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रुप में काम किया।

फिर इसके बाद 1985 में हुए लोकसभा चुनावों में उन्होंने भारी मतों के साथ जीत हासिल कर देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रुप में कार्यभार संभाला। राजीव गांधी जी ने अपनी आधुनिक विचारधारा और युवा सोच के साथ देश को शक्तिशाली, संपन्न,एवं समृद्ध राष्ट्र बनाने में अपना अहम योगदान दिया और नौजवानों के अंदर नई उम्मीदें जगाईं। इस साथ ही राजीव गांधी जी ने अपने पीएम के कार्यकाल में कम्यूटर, संचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी  को नई दिशा दी एवं नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा को खूब बढ़ावा दिया।

यही नहीं राजीव गांधी जी ने अपनी अद्बुत राजनैतिक कार्यशैली के चलते उन्हें असम, मिजोरम, पंजाब समझौते समेत श्री लंका में शांति सेना भेजना, 18 साल से मताधिकार, पंचायती राज को शामिल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने देश की युवा शक्ति को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उनके लिए कई अहम योजनाओं की शुरुआत भी की।

राजीव गांधी जी ने देश के युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहर रोजगार योजना की शुरुआत की। राजीव गांधी जी ने अपनी राजनैतिक सूझ-बूझ से 1986 में निरेपक्ष आंदोलन का नेतृत्व भारत के पास आने समेत कई अंतराष्ट्रीय मसलों पर अपनी बेबाक राय देकर, भारत को एक सम्मानजनक स्थान दिलाया।

राजीव गांधी जी ने अपने कार्यकाल के दौरान न सिर्फ रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी लोगों के संघर्ष, नामीबिया की स्वतंत्रता के लिए अपना सहयोग दिया बल्कि अफ्रीकी देशों की सहायता करने के लिए भी अफ्रीकी फंड की स्थापना में अपने सराहनीय कदम उठाए।

इसके साथ ही राजीव गांधी जी ने अपने पीएम के शासनकाल में कई  देशों की यात्रा कर उनके साथ अपने आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत किया। इस तरह वे हर मुद्दे पर बेहद स्पष्ट और बेबाक राय देने वाले एक सशक्त और कुशल राजनेता के रुप में  उभरे।

हत्या –

21 मई, 1991 में जब राजीव गांधी अपने चुनावी दौरे पर गए थे, तभी तमिलनाडु में आयोजित एक स्टेज शो के दौरान उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इस बम बिस्फोट में देश के इस युवा और सशक्त राजनेता की जान चली गई। इस हमले में कई और लोगों की भी जान चली गई थी तो कई लोग घायल हो गए थे।

इसके बाद राजीव गांधी जी के मृत शरीर को नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में लाकर उसका पोस्टमार्टम किया गया और फिर  24 मई 1991 को राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। आधुनिक विचारधारा वाले देश के इस सशक्त औऱ कुशल राजनेता की  मृत्यु से देश में शोक की लहर दौड़ गई थी।

याद में बने स्मारक –

  • राजीव गांधी के सम्मान में निनैवागम, श्रीपेरुम्पुदुर में स्मृति स्थल का निर्माण किया गया।
  • हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी राजीव गांधी जी के नाम पर राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट रखा गया है।
  • राजीव गांधी की स्मृति और सम्मान में उनके नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा गया। इस यूनिवर्सिटी को जिसे राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

इसके अलावा कई और यूनिवर्सिटी एवं बायोटेक्नोलॉजी के नाम राजीव गांधी जी के सम्मान में रखा गया है। इस तरह राजीव गांधी जी ने अपने छोटे से राजनैतिक करियर के दौरान अपनी अद्भुत कौशल से इस क्षेत्र में असीम ऊंचाईयों का छुआ, लेकिन इस दौरान उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी आए और बाद में हत्या की साजिश का शिकार होना पड़ा।

सन्मान –

देश के प्रगति और विकास में उनके अमिट योगदान के लिए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” पुरस्कार से सम्मानित किया।

12 thoughts on “राजीव गांधी का जीवन परिचय…”

  1. इनका जन्म स्थान,मुझे सही नही लगता हैं क्योंकि उनका जन्म स्थान “इलाहाबाद उत्तर प्रदेश” हैं

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top