पश्चिम बंगाल राज्य का इतिहास और जानकारी

West Bengal History in Hindi

West Bengal – पश्चिम बंगाल भारत का एक बहुत बड़ा राज्य है। यह राज्य भारत के पूर्व दिशा मे स्थित है। भारत को आजादी मिलने से पहले इस राज्य को सभी बंगाल नाम से बुलाते थे। लेकिन देश को आजादी मिलने के बाद इसे पश्चिम बंगाल नाम दिया गया। कोलकाता इस राज्य की राजधानी है और यह इस राज्य का सबसे बड़ा शहर है। बंगाली भाषा में इस राज्य को पश्चिम बांगा कहा जाता है।

पश्चिम बंगाल राज्य का इतिहास और जानकारी – West Bengal state History Information in Hindi

West Bengal

पश्चिम बंगाल राज्य के बारे में जानकारी – Information About West Bengal in Hindi

राज्य का नाम (Name of State): पश्चिम बंगाल (West Bengal)
राज्य निर्मिती का साल २६ जनवरी १९५०
पश्चिम बंगाल की राजधानी (Capital of West Bengal) कोलकाता
प्रमुख भाषा (West Bengal Language): बंगाली
राज्य से संबंधित कुछ प्रभावी व्यक्तित्व:
  1. सुभाष चंद्र बोस
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. सौरव गांगुली
  4. रविंद्रनाथ टैगोर
  5. किशोर कुमार 
  6. जगदीश चंद्र बोस
  7. ममता बनर्जी
  8. रामकृष्ण परमहंस, इत्यादि
राज्य अंतर्गत प्रमुख पर्यटन के स्थल
  1. दार्जिलिंग,
  2. डम डम रेल स्टेशन,
  3. हावड़ा ब्रिज,
  4. दक्षिणेश्वर काली मंदिर,
  5. सुंदरबन नॅशनल पार्क,
  6. सिलीगुड़ी इत्यादि।
राज्य के नजदीकी सिमा से जुड़ा देश बांग्लादेश
क्षेत्रफल की दृष्टी से देश में राज्य का स्थान तेरहवाँ (13th)
स्वतंत्रता पूर्व राज्य में हुए प्रमुख आंदोलन
भारत के बंगाल राज्य से प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी
  1. सुभाष चंद्र बोस,
  2. रासबिहारी बोस,
  3. खुदीराम बोस,
  4. कल्पना दत्त,
  5. प्रफुल्ल चाकी,
  6. बटुकेश्वर दत्त, इत्यादि

पश्चिम बंगाल की जानकारी – Paschim Bangal ki Jankari

इस राज्य के बारे में संस्कृत साहित्य में भी पढ़ने को मिलता है लेकिन इस राज्य की पूरी जानकारी केवल ईसापूर्व 3 री सदी से ही ज्ञात होती है जब यहापर मौर्य साम्राज्य के शासक सम्राट अशोक शासन किया करते थे। लेकिन जैसे ही मौर्य साम्राज्य का प्रभाव कम होता गया उसके साथ ही यहापर सब तरफ़ अराजकता बड़े पैमाने पर फ़ैल चुकी थी।

4 थी सदी में इस प्रदेश में  के समुद्र गुप्त शासन करते थे। लेकिन उसके बाद में बंगाल में पाल वंश के राजा शासन करते थे। लेकिन 13 वी सदी से लेकर 18 वी सदी में मध्य तक जब अंग्रेज भारत में आये थे तो उस समय बंगाल पर केवल मुस्लीम लोग ही शासन करते थे। उस समय बंगाल दिल्ली के सुलतान के नियंत्रण में था लेकिन इसे स्वतन्त्र रूप से चलाने का काम गवर्नर ही किया करते थे।

सन 1757 में अंग्रेज अधिकारी रोबर्ट क्लाईव ने प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हराया था। इस प्लासी को आज सभी पलाशी नाम से जानते है। सन 1765 में उत्तर भारत के बादशाह शाह आलम 2 ने बंगाल, बिहार और ओरिसा (ओडिशा) के दीवानी अधिकार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी को दिए थे।

दीवानी अधिकार देने का मतलब होता है की उस प्रदेश का नियंत्रण करना और वहा का सारा राजस्व इकट्ठा करना। सन 1834 से बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल नाम से बुलाया जाता था मगर सन 1854 में इस पद का सारा कामकाज लेफ्टिनेंट गवर्नर को सौपा गया था।

तबसे अंग्रेज भारत सरकार बंगाल सरकार से अलग हो गयी थी। सन 1874 में आसाम का शासन लेफ्टिनेंट गवर्नर के हाथसे निकालकर मुख्य आयुक्त को सौपा गया था। सन 1905 में अंग्रेज सरकार को लगा था की बंगाल का शासन ठीक से देखा नहीं जा रहा इसीलिए उन्होंने बंगाल का बटवारा करने का फैसला लिया था मगर हिन्दू लोगो ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया लेकिन इसका सरकार पर कोई असर नहीं हुआ।

उन्होंने बंगाल के दो हिस्से किये और उसमे एक हिस्से में बंगाल, बिहार और ओरिसा को रखा और दुसरे हिस्से में पूर्वी बंगाल और आसाम को अलग किया। लेकिन लोगो ने इसका इतना विरोध किया की अंग्रेज सरकार को इस फैसले को बदलना पड़ा और सन 1911 में बंगाल को फिर से एक करना पड़ा।

सन 1935 के भारत सरकार कानून के तहत सन 1937 में बंगाल को स्वायत्त प्रान्त बना दिया गया था। सन 1947 तक भारत और पाकिस्तान की निर्मिती होने तक बंगाल इसी हालत में था। बंगाल का पूर्वी भाग जिसमे मुस्लीम लोग ज्यादा थे उसे पूर्व पाकिस्तान (बाद में बांग्लादेश) बना दिया गया और और पश्चिम हिस्से को भारत का पश्चिम बंगाल घोषित कर दिया गया। सन 1950 मे ‘कुछ बिहार’ को बंगाल में शामिल कर लिया गया था।

1956 में भारत के कई राज्य की निर्मिती भाषा के आधार पर करने के बाद पश्चिम बंगाल को बिहार से 3140 वर्ग मील (8130 वर्ग किमी) का प्रदेश दिया गया था। आजादी मिलने के बाद में पश्चिम बंगाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) की तीन दशको तक सरकार थी।

लेकिन 1977 के विधान सभा के चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जीती थी और उन्होंने राज्यमें पहली बार सरकार बनायीं थी। दुनिया में सबसे लम्बे समय तक किसी लोकशाही देश में सरकार बनाये रखनेवाली केवल कम्युनिस्ट पार्टी थी और उन्होंने 1977 से 2011 तक पश्चिम बंगाल में सरकार चलायी थी। लेकिन 2011 के विधान सभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में पहली बार आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनायीं।

तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के साथ में मिलकर सरकार बनायीं थी। ममता बनर्जी इस तृणमूल कांग्रेस की संस्थापक और नेता है। पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सम्मान ममता बनर्जी को ही दिया जाता है।

पश्चिम बंगाल के जिले – List of Districts of West Bengal

पश्चिम बंगाल में कुल 23 जिले स्थित है। उनके नाम निचे दिए गए है:

  1. अलिपुर्दुअर,
  2. बंकुरा,
  3. कलिम्पोंग,
  4. बीरभूम,
  5. बर्दवान,
  6. दक्षिण दिनाजपुर,
  7. दार्जिलिंग,
  8. हुगली,
  9. हावड़ा,
  10. जलपाईगुड़ी,
  11. झारग्राम,
  12. कोलकता,
  13. मालदा,
  14. मुर्शिदाबाद,
  15. नाडीया,
  16. कुछ बिहार,
  17. उत्तर 24 परगना,
  18. उत्तर दिनाजपुर,
  19. पश्चिम मेदिनीपुर,
  20. पूर्व मेदिनीपुर,
  21. पुरुलिया,
  22. दक्षिण 24 परगना,
  23. और पश्चिम बर्दवान।

पश्चिम बंगाल की भाषा – West Bengal language

बंगाली पश्चिम बंगाल की मुख्य भाषा है। बंगाली भाषा के अलावा यहाँ के लोग इंग्लिश और हिंदी भाषा में भी बात करते है। दार्जिलिंग (सिलिगुरी छोडके) और कलिम्पोंग जिले के पहाड़ी इलाके में नेपाली मुख्य भाषा है।

पश्चिम बंगाल का सांस्कृतिक जीवन – Cultural life of West Bengal

बंगाली लोगो की कला, साहित्य, संगीत और नाट्य काफी समृद्ध है। पश्चिम बंगाल के लोग ज्यादातर टेराकोटा और पेंटिंग पर विशेष ध्यान देते है। बंगाली लोगो का साहित्य भी 12 सदी से भी ज्यादा पुराना है। बंगाल में संत चैतन्य(1485-1533) ने अपनी कविताओ के माध्यम से हिन्दू धर्मं का चैतन्य आन्दोलन भी किया था और उनके इस काम की वजह से ही बंगाल में बहुत बड़े बदवाल देखने को मिले।

इसीकी करना पश्चिम बंगाल के रवीन्द्रनाथ टैगोर भी महान कवी बन सके और उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। बंगाल में बहुत सारे धार्मिक और सांस्कृतिक गीत बनाये जाते है और उन्हें अच्छे से संभालकर रखा जाता है।

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘रविन्द्रसंगीत’ नाम से कई सारे गीत लिखे है और उनके वह सभी गीत भारत के शास्त्रीय संगीत और पारंपरिक संगीत का अहम हिस्सा माना जाता है जिसमे बौल गीत भी शामिल है। इन्होने बंगाल के सांस्कृतिक जीवन पर काफी प्रभाव डाला है।

बंगाल ज्यादातर नाट्य के लिए काफी प्रसिद्ध है और सभी तरह के लोगो को नाट्य में हिस्सा लेना अच्छा लगता है। बंगाल के गाव और शहरों में यात्रा का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहापर गाव में सभी लोग समय पर ही कविताये रचते है उनके माध्यम से एक दुसरे के साथ विवाद करते है।

लोककथा पर आधारित यहाँ के गाव में कथाकता नामक धार्मिक परंपरा भी है। मनोरंजन में भी पश्चिम बंगाल आगे है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्थर पर भी बंगाली फिल्मो की प्रशंसा की जाती है। सत्यजित रे, तपन सिन्हा, मृणाल सेन, अपर्णा सेन जैसे महान निर्देशक पश्चिम बंगाल की ही देन है। पश्चिम बंगाल का इतिहास काफी लम्बा और गौरवशाली है। इस राज्य को सिराजुद्दौला जैसे महान शासक मिले है।

पश्चिम बंगाल का सांस्कृतिक क्षेत्र मे भी बड़ा योगदान रहा है। रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे महान कवी पश्चिम बंगाल के ही है। साहित्य के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। गीतांजलि जैसे महान साहित्य की निर्मीती उन्होंने की थी और उसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। पश्चिम बंगाल के गाव और शहरों में यात्रा का बड़ा आयोजन किया जाता है और लोग बड़ी संख्या में उसमे हिस्सा लेते है।

Bengal Tiger

बात करे अन्य जीवजगत की तो बंगाल में काफी सारे जंगली जानवर के संरक्षण हेतु परियोजनाए भी स्थापित है जिसमे यहाँ की ‘बंगाल टाइगर’ नाम की बाघ की प्रजाति समूचे विश्वभर में प्रसिध्द है।

पश्चिम बंगाल के प्रभावशाली व्यक्तित्व – Famous Bengali Personalities

Famous Bengali Personalities
Famous Bengali Personalities

१. स्वामी विवेकानंद:

भारत के परम आदर्श और प्रेरणा दायी व्यक्तित्व में स्वामी विवेकानंद जी का नाम शामिल है, जिन्हे योध्दा सन्यासी भी कहा जाता है। दरसल विवेकानंद जी का जन्म और लगभग समूचा कार्य यही पश्चिम बंगाल में हुआ था।जहा उन्हें गुरु का सानिध्य मिला और उनके जीवन में आमूलाग्र परिवर्तन आया, एक समय में भारत के प्रभावशाली व्यक्तियों में स्वामी विवेकानंद जी की गिनती होती थी।
 
अमेरिका के शिकागो में विश्व धार्मिक संमेलन में उन्होंने भारतीय संस्कृति तथा असल भारत की पहचान विदेशी मूल के लोगो को करवाई थी। आज के भारत में महान व्यक्तियों की सूची में स्वामी विवेकानंद जी का नाम बड़े आदर और शान से लिया जाता है।
 
२. सुभाषचंद्र बोस:
 
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी तथा आजाद हिंद सेना के प्रमुख नेतृत्वकार सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म भी पश्चिम बंगाल में हुआ था, जिनका भारत के स्वतंत्रता अभियान में प्रमुख योगदान था। छोडो भारत आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस का कार्य काफी सराहनीय था जिसमे उन्होंने आजाद हिन्द सेना की कमान को संभालते हुए अंग्रेज शासन का कड़वा प्रतिकार किया था।
 
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत पर दबाव बनाने हेतु जापान और जर्मनी जैसे देशो से मदद हासिल करने हेतु सुभाषचंद्र बोस ने महत्वपूर्ण सफल प्रयास किये थे, जिससे उनके दूरदर्शी नेतृत्व और कूटनीति का परिचय समूचे देश को हुआ।
 
३. जगदीशचंद्र बोस:
 
भारतीय भौतिक विज्ञानी और महान संशोधक जगदीश चंद्र बोस जी का जन्म भी पश्चिम बंगाल में हुआ था, जिन्हे उनके वनस्पती संबंधी किये संशोधन, सूक्ष्म तरंगीय संशोधन तथा रेडिओ तरंग इत्यादि पे किये गए उल्लेखनीय कार्यो के लिए दुनियाभर में नवाजा गया।
 
पश्चिम बंगाल के विक्रमपुर नामक स्थान पर ३० नवंबर १८५८ को इनका जन्म हुआ था जिसमे आगे की शिक्षा और संशोधन हेतु ये विदेशो में भी गए थे।
 
४. रविंद्रनाथ टैगोर:
 
प्रसिद्ध साहित्यिक और स्वतंत्रता सेनानी रवीन्द्रनाथ टैगोर जी उनके गीतांजलि नामक साहित्य से काफी मशहूर हुए थे, जिन्हे इस साहित्यकृति हेतु नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। रवीन्द्रनाथ टैगोर भी मूलतः पश्चिम बंगाल के ही थे जहाँ उन्होंने साहित्य की अनेक सुंदर कृतियों की रचना की तथा स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका काफी योगदान रहा जिसमे जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में उन्होंने नोबेल पुरस्कार अंग्रेज सरकार को वापस लौटा दिया था।
 
५. रामकृष्ण परमहंस:
 
अध्यत्मिक चेतना और उन्नती को जनमानस में स्थापित करने वाले परम वैरागी स्वामी रामकृष्ण परमहंस भी पश्चिम बंगाल से थे, जो कलकत्ता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर के पुजारी थे।
 
स्वामी विवेकानंद जी के रामकृष्ण परमहंस गुरु थे और इनके ही प्रेरणा पर विश्वभर में स्वामीजी ने आध्यत्मिक चेतना, आदर्शो, मूल्यों और भारतीय संस्कृति के विचारो का फैलाव किया था। भारत के महान संतो में रामकृष्ण परमहंस का नाम बड़े आदर से लिया जाता है जिन्होंने स्वामी विवेकानंद जैसा शिष्य भारत को दिया था।
 
६. खुदीराम बोस:
 
नौजवान क्रांतिकारी खुदीराम बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कम आयु के स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने साथियो के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था।
 
मात्र १८ साल की आयु में देश के स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाले खुदीराम बोस जी का देश और इतिहास सदैव स्मरण रखेगा।
 
७. किशोर कुमार:
 
भारतीय संगीत जगत के हिंदी तथा अन्य भाषाओ में गीत के गायक किशोर कुमार भी पश्चिम बंगाल से थे, जिन्होंने सैकड़ो से अधिक फिल्मो में विभिन्न भाषाओ में गीतों को गाया है। मधुर आवाज, गायकी में विभिन्न प्रकार के शैली का मिश्रण तथा भावनाओ को संगीत से जोड़ने की किशोर दा की अदाकारी ने उन्हें भारत के महान गायक की सूचि में स्थान दिया।
 
गाने के साथ कुछ फिल्मो में अभिनय भी किशोर कुमार जी ने किया है, जिसमे उनके मस्त मिजाज अंदाज ने दर्शको को काफी ज्यादा मनोरंजित भी किया था। सुर के जादूगर किशोर कुमार की आवाज को उस समय के लगभग सभी अभिनेताओ के फिंल्मों में गाने द्वारा चित्रित किया है जिसे आजके ज़माने में भी लोग बड़े आनंद से सुनना पसंद करते है।
 
८. प्रणब मुखर्जी:
 
भारत के १३ वे राष्ट्रपति तथा अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी भी मूलतः पश्चिम बंगाल से थे। कॉन्ग्रेस के सक्रीय नेता के रूप में उन्होंने केंद्र शासन के रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री तथा विदेशमंत्री के पदभार को भी संभाला था। इसके बाद केंद्र में कॉन्ग्रेस सरकार के समर्थन से उन्हें राष्ट्रपति का पदभार भी सौपा गया था जिसे उन्होंने बखूबी निभाया साल २०२० में अगस्त ३१ को इनका निधन हुआ था।
 
९. ममता बनर्जी:
 
ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री है और ये इनकी मुख्यमंत्री पदभार की दूसरी र्म टहै। ये पहले भारतीय कॉन्ग्रेस की नेता के रूप में कार्यरत थी, जिसे बादमे इन्होने छोड़ दिया और स्वतंत्र पक्ष तृणमूल कॉन्ग्रेस का निर्माण किया तबसे अब तक ये इस पक्ष की अध्यक्ष और प्रमुख नेता है।
 
बात करे पश्चिम बंगाल की तो ममता बनर्जी वहा की काफी पसंदीदा राजनैतिक शख्सियत है, जिन्होंने पिछले कई सालो से इस राज्य की बागडौर को संभाला हुआ है।
 
१०. सौरव गांगुली:
 
भारतीय क्रिकेट के उत्कृष्ट बल्लेबाज,गेंदबाज और कप्तान के तौर पर सौरव गांगुली की पहचान है, जिन्होंने लगभग ८ साल तक भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया है। सौरव गांगुली भी मूलतः पश्चिम बंगाल राज्य से है, जिन्हे क्रिकेट के दुनिया का ‘दादा’ कहा जाता है।
 
११. चैतन्य महाप्रभु:
 
१५ वी सदी के भक्ति पंथ के महान अग्रणी और अद्वैत मार्ग के वैष्णव उपासक चैतन्य महाप्रभु भी पश्चिम बंगाल राज्य के थे जिन्होंने यहां नामसंकीर्तन और भक्ति द्वारा आध्यात्मिक मार्ग में मानो क्रांतिकारक कार्य किया।
 
पश्चिम बंगाल राज्य के बारेमें अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – GK Questions Answers West Bengal
  1. पश्चिम बंगाल राज्य की निर्मिति कब हुई थी? (When west bengal was established?)
जवाब: २६ जनवरी १९५०।
 
2. पश्चिम बंगाल राज्य की प्रमुख भाषा तथा मातृभाषा क्या है? (What are the main language and mother tongue of west Bengal state?)
 
जवाब: बंगाली।
 
3. क्षेत्रफल की दृष्टी से पश्चिम बंगाल राज्य का भारत में कितवा स्थान है? (According to area number of west bengal state in India)
 
जवाब: १३ वा (तेरहवाँ)।
 
4. बांग्लादेश भारत के किस राज्य से विलग होकर बना है?
 
(Bangladesh was the part of which state in India?)
 
जवाब: पश्चिम बंगाल।
 
5. पश्चिम बंगाल राज्य से जुड़ा कौनसा प्रसिध्द समुद्र भारत के नौदल सिमा के अंतर्गत आता है? (Famous ocean connected with west bengal state)
 
जवाब: बंगाल उपसागर।
 
6. पश्चिम बंगाल का कौनसा जानवर दुनियाभर में मशहूर है? (Worlwidely famous animal from west bengal)
 
जवाब: बंगाल टाइगर (बंगाल का बाघ)।
 
7. कलकत्ता भारत के किस राज्य की राजधानी है? (Kolkata is the capital of which state in India?)
 
जवाब: पश्चिम बंगाल।
 
8. पश्चिम बंगाल राज्य का प्रमुख त्यौहार क्या है? (Main festival in West Bengal)
 
जवाब: दुर्गापूजा।
 
9. ठंडा मौसम और नैसर्गिक खूबसूरती के लिए मशहूर कौनसा स्थान पश्चिम बंगाल राज्य में मौजूद है? (Famous hill station in West Bengal)
 
जवाब: दार्जिलिंग।

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